Saturday 29 October 2011

मानवता ही हर धर्म की पहचान है

मानवता ही हर धर्म की पहचान है 
मानवता ही मानवता की जान है


सत्य करुणा अहिंसा से होती दृढ 
सद्गुणों की मानवता ही खान है 


मन बुद्धि नहीं आत्मा हमारा स्वरुप
 बस इतना ही तो आत्मिक ज्ञान है 


जीवन गुज़र जाना है एक दिन 
कर्मों से होता हमारा मान है 

4 comments:

  1. मन बुद्धि नहीं आत्मा हमारा स्वरुप
    बस इतना ही तो आत्निक ज्ञान है
    जीवन गुज़र जाना है एक दिन
    कर्मों से होता हमारा मान है ...
    बहुत सुन्दर और सटीक पंक्तियाँ ! जीवन की सच्चाई को आपने बड़े ही खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है! उम्दा रचना!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  2. बिलकुल कर्मों का ही महत्त्व है

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  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!

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